अमरावती कैपिटल प्रोजेक्ट को ₹13,500 करोड़ का बड़ा फंड, जानिए विश्व बैंक और एडीबी की भूमिका

आंध्र प्रदेश की महत्वाकांक्षी परियोजना, अमरावती कैपिटल प्रोजेक्ट, को हाल ही में विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से ₹13,500 करोड़ का ऋण मिला है। यह वित्तीय सहायता इस परियोजना को नया जीवन देने का काम करेगी।

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अमरावती को आंध्र प्रदेश की नई राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह परियोजना राज्य के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में इसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस ऋण से प्रोजेक्ट को गति मिलने की उम्मीद है।

कैसे मिला ₹13,500 करोड़ का फंड?

यह फंड दो प्रमुख संस्थानों से आया है:

  1. विश्व बैंक (World Bank)
  2. एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank – ADB)

दोनों संस्थान विकासशील देशों को आर्थिक मदद देने के लिए जाने जाते हैं। विश्व बैंक और एडीबी ने इस प्रोजेक्ट को गहराई से परखा। उन्होंने अमरावती के संभावित आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभों को ध्यान में रखकर यह ऋण स्वीकृत किया।

अमरावती कैपिटल प्रोजेक्ट का महत्व

अमरावती को आंध्र प्रदेश का ड्रीम कैपिटल कहा जाता है। यह शहर न केवल राज्य का प्रशासनिक केंद्र बनेगा, बल्कि यह स्मार्ट सिटी के रूप में भी विकसित होगा। परियोजना का मुख्य उद्देश्य:

  • राज्य को एक आधुनिक राजधानी देना।
  • तकनीकी और हरित विकास को बढ़ावा देना।
  • बेहतर बुनियादी ढांचे का निर्माण करना।
  • रोजगार के अवसर पैदा करना।

परियोजना के तहत 217 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को विकसित किया जा रहा है। इसमें ग्रीन बिल्डिंग्स, सस्टेनेबल एनर्जी सिस्टम और अत्याधुनिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क शामिल हैं।

वित्तीय संकट और प्रोजेक्ट में देरी

हालांकि अमरावती कैपिटल प्रोजेक्ट की शुरुआत बड़े उत्साह के साथ हुई थी, लेकिन वित्तीय संकट और राजनीतिक अस्थिरता के कारण यह प्रोजेक्ट रुक गया था।
2019 में सत्ता परिवर्तन के बाद परियोजना पर सवाल खड़े हुए। नई सरकार ने परियोजना को प्राथमिकता नहीं दी। इसके कारण:

  • निर्माण कार्य में देरी हुई।
  • निवेशकों का विश्वास डगमगाया।
  • परियोजना का बजट बढ़ गया।

अब विश्व बैंक और एडीबी की सहायता से परियोजना को दोबारा रफ्तार मिलने की उम्मीद है।

फंड का उपयोग कहां होगा?

विशेषज्ञों का कहना है कि यह फंड मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में उपयोग किया जाएगा:

  1. स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर
    • हाईटेक भवनों का निर्माण।
    • जल और सीवरेज सिस्टम का सुधार।
    • हरित ऊर्जा के लिए निवेश।
  2. सड़क और परिवहन नेटवर्क
    • तेज और सुरक्षित सड़कों का निर्माण।
    • सार्वजनिक परिवहन को आधुनिक बनाना।
  3. सामाजिक ढांचे का विकास
    • स्कूल, अस्पताल और सामुदायिक केंद्रों का निर्माण।
  4. पुनर्वास और पुनःस्थापन
    • प्रभावित किसानों और निवासियों को सहायता।

विश्व बैंक और एडीबी का क्या कहना है?

दोनों संस्थानों ने कहा कि यह परियोजना न केवल आंध्र प्रदेश, बल्कि पूरे भारत के लिए एक मिसाल बनेगी। उन्होंने इसे पर्यावरण के अनुकूल और विकासोन्मुखी बताया।

विश्व बैंक के प्रतिनिधि ने कहा, हम इस परियोजना को देखकर उत्साहित हैं। यह क्षेत्र के लाखों लोगों के जीवन में सुधार लाएगी।”
एडीबी ने भी अपने बयान में अमरावती की ग्रीन सिटी अवधारणा की प्रशंसा की।

स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया

अमरावती के निवासियों में इस खबर से उत्साह है। किसानों ने उम्मीद जताई है कि परियोजना के पुनः शुरू होने से उनकी जमीनों का सही उपयोग होगा। व्यापारियों को भी रोजगार और व्यापारिक अवसरों में वृद्धि की उम्मीद है।

आगे की चुनौतियां

हालांकि यह फंड बड़ी राहत है, लेकिन परियोजना के सामने कई चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं:

  • राजनीतिक सहमति की कमी।
  • समय पर निर्माण कार्य पूरा करना।
  • ऋण का सही उपयोग सुनिश्चित करना।

निष्कर्ष

अमरावती कैपिटल प्रोजेक्ट को मिला ₹13,500 करोड़ का ऋण, आंध्र प्रदेश के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल इस परियोजना को नया जीवन मिलेगा, बल्कि यह राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाई तक ले जाएगा। यदि इसे सही तरीके से लागू किया गया, तो अमरावती भविष्य की आदर्श राजधानी बन सकती है।

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